आँखों में तेरी अजब सी अजब सी अदाएं हैं
दिल को बना दे जो पतंग साँसें ये तेरी वो हवाएं हैं
आई ऐसी रात है जो बहुत खु़शनसीब है
चाहे जिसे दूर से दुनिया वो मेरे करीब है
कितना कुछ कहना है फिर भी है दिल में सवाल कहीं
सपनों में जो रोज़ कहा है वो फिर से कहूँ या नहीं
तेरे साथ साथ ऐसा कोई नूर आया है
चाँद तेरी रोशनी का हल्का सा इक साया है
तेरी नज़रों ने दिल का किया जो हशर असर ये हुआ
अब इनमें ही डूब के हो जाऊँ पार यही है दुआ
गायक – के के
गीतकार – जावेद अख़्तर
संगीत – विशाल-शेखर
Monday, December 31, 2007
Sunday, December 30, 2007
तुम से ही - जब वी मेट
न है ये पाना न खोना ही है
तेरा न होना जाने क्यूँ होना ही है
तुमसे ही दिन होता है सुरमई शाम आती है
तुमसे ही तुमसे ही
हर घड़ी साँस आती है ज़िंदगी कहलाती है
तुमसे ही तुमसे ही
आँखों मे आँखें तेरी बाहों में बाहें तेरी
मेरा न मुझमे कुछ रहा हुआ क्या
बातों में बातें तेरी रातें सौगातें तेरी
क्यूँ तेरा सब ये हो गया हुआ क्या
मै कहीं भी जाता तुमसे ही मिल जाता हूँ
तुमसे ही तुमसे ही
शोर में खा़मोशी है थोड़ी सी बेहोशी है
तुमसे ही तुमसे ही
आधा सा वादा कभी आधे से ज़्यादा कभी
जी चाहे कर लूँ इस तरह वफ़ा का
छोडे़ न छूटे कभी तोड़े न टूटे कभी
जो धागा तुमसे जुड़ गया वफ़ा का
मै तेरा सरमाया हूँ जो भी मैं बन पाया हूँ
तुमसे ही तुमसे ही
रास्ते मिल जाते हैं मंज़िलें मिल जाती हैं
तुमसे ही तुमसे ही
न है ये पाना न खोना ही है
तेरा न होना जाने क्यूँ होना ही है
गायक – मोहित चौहान
संगीत – प्रीतम
गीतकार – इरशाद कामिल
तेरा न होना जाने क्यूँ होना ही है
तुमसे ही दिन होता है सुरमई शाम आती है
तुमसे ही तुमसे ही
हर घड़ी साँस आती है ज़िंदगी कहलाती है
तुमसे ही तुमसे ही
आँखों मे आँखें तेरी बाहों में बाहें तेरी
मेरा न मुझमे कुछ रहा हुआ क्या
बातों में बातें तेरी रातें सौगातें तेरी
क्यूँ तेरा सब ये हो गया हुआ क्या
मै कहीं भी जाता तुमसे ही मिल जाता हूँ
तुमसे ही तुमसे ही
शोर में खा़मोशी है थोड़ी सी बेहोशी है
तुमसे ही तुमसे ही
आधा सा वादा कभी आधे से ज़्यादा कभी
जी चाहे कर लूँ इस तरह वफ़ा का
छोडे़ न छूटे कभी तोड़े न टूटे कभी
जो धागा तुमसे जुड़ गया वफ़ा का
मै तेरा सरमाया हूँ जो भी मैं बन पाया हूँ
तुमसे ही तुमसे ही
रास्ते मिल जाते हैं मंज़िलें मिल जाती हैं
तुमसे ही तुमसे ही
न है ये पाना न खोना ही है
तेरा न होना जाने क्यूँ होना ही है
गायक – मोहित चौहान
संगीत – प्रीतम
गीतकार – इरशाद कामिल
Wednesday, November 7, 2007
रंग दे बसंती - रंग दे बसंती
थोड़ी सी धूल मेरी धरती की मेरे वतन की
थोड़ी सी ख़ुश्बू बौराई सी मस्त पवन की
थोड़ी सी झोंकने वाली धक धक धक धक धक धक साँसें
जिन में हो जुनूं जुनूं वो बूँदें लाल लहू की
ये सब तू मिला मिला ले फिर रंग तू खिला खिला ले
और मोहे तू रंग दे बसंती यारा मोहे तू रंग दे बसंती
मोहे मोहे तू रंग दे बसंती मोहे मोहे तू रंग दे बसंती
सपने रंग दे, अपने रंग दे
खुशियां रंग दे, ग़म भी रंग दे
नस्लें रंग दे, फ़सलें रंग दे
रंग दे धड़कन, रंग दे सरगम
रंग दे सूरज, रंग दे दर्पण
मोहे मोहे तू रंग दे बसंती यारा मोहे तू रंग दे बसंती
धीमी आँच पे तू ज़रा इश्क चढा
थोड़े झरने ला, थोड़ी नदी मिला
थोड़ा सागर ले, थोड़ी गागर ले
थोड़ा छिड़क छिड़क, थोड़ा हिला हिला
फिर एक रंग तू खिला खिला
बस्ती रंग दे, हस्ती रंग दे
हंस हंस रंग दे, नस नस रंग दे
बचपन रंग दे, जोबन रंग दे
अब देर न कर सचमुच रंग दे
रंगरेज़ मेरे सब कुछ रंग दे
मोहे मोहे तू रंग दे बसंती मोहे मोहे तू रंग दे बसंती यारा
गायक - दलेर मेंहदी, चित्रा
गीतकार - प्रसून जोशी
संगीत - ए आर रहमान
थोड़ी सी ख़ुश्बू बौराई सी मस्त पवन की
थोड़ी सी झोंकने वाली धक धक धक धक धक धक साँसें
जिन में हो जुनूं जुनूं वो बूँदें लाल लहू की
ये सब तू मिला मिला ले फिर रंग तू खिला खिला ले
और मोहे तू रंग दे बसंती यारा मोहे तू रंग दे बसंती
मोहे मोहे तू रंग दे बसंती मोहे मोहे तू रंग दे बसंती
सपने रंग दे, अपने रंग दे
खुशियां रंग दे, ग़म भी रंग दे
नस्लें रंग दे, फ़सलें रंग दे
रंग दे धड़कन, रंग दे सरगम
रंग दे सूरज, रंग दे दर्पण
मोहे मोहे तू रंग दे बसंती यारा मोहे तू रंग दे बसंती
धीमी आँच पे तू ज़रा इश्क चढा
थोड़े झरने ला, थोड़ी नदी मिला
थोड़ा सागर ले, थोड़ी गागर ले
थोड़ा छिड़क छिड़क, थोड़ा हिला हिला
फिर एक रंग तू खिला खिला
बस्ती रंग दे, हस्ती रंग दे
हंस हंस रंग दे, नस नस रंग दे
बचपन रंग दे, जोबन रंग दे
अब देर न कर सचमुच रंग दे
रंगरेज़ मेरे सब कुछ रंग दे
मोहे मोहे तू रंग दे बसंती मोहे मोहे तू रंग दे बसंती यारा
गायक - दलेर मेंहदी, चित्रा
गीतकार - प्रसून जोशी
संगीत - ए आर रहमान
Monday, October 22, 2007
कजरारे - बंटी और बबली
ऐसी नज़र से देखा उस ज़ालिम ने चौंक पर
हमने कलेजा रख दिया चाकू की नोक पर
वाह वाह कमाल हो गया ओए रायता फैल गया
धिन तिनक धिन... ... ...
मेरा चैन वैन सब उजड़ा ज़ालिम नज़र हटा ले
बर्बाद हो रहे हैं जी तेरे अपने शहर वाले
हो... मेरा अंगड़ाई न टूटे तू आजा
मेरा अंगड़ाई न टूटे तू आजा
कजरारे कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो मेरे नैना मेरे नैना मेरे नैना जुड़वा नैना
हो कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
सुरमे से लिखे तेरे वादे आँखों की ज़बानी आते हैं हाय
मेरे रूमालों पर लब तेरे बाँध के निशानी जाते हैं
हो तेरी बातो में किमाम की ख़ुश्बू है
तेरा आना भी गर्मियों की लू है
आजा टूटे न टूटे न अंगड़ाई
हो मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
कजरारे कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो मेरे नैना मेरे नैना मेरे नैनों मे छुप के रहना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
आँखे भी कमाल करती हैं पर्सनल से सवाल करती हैं हाय
पलकों को उठाती भी नहीं परदे का ख़्याल करती हैं
हो मेरा ग़म तो किसी से भी छुपता नहीं
दर्द होता है दर्द जब चुभता नहीं
आजा टूटे न टूटे न अगड़ाई
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
कजरारे कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो तेरे नैना तेरे नैना हमें डसते हैं तेरे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो तुझसे मिलना पुरानी दिल्ली में
छोड़ आए निशानी दिल्ली में
बल्लीमारां से दरीबे तलक
तेरी मेरी कहानी दिल्ली में
हो हो काली कमली वाले को याद करके
तेरे काले काले नैनों की कसम खाते हैं
हो तेरे काले काले नैनों की बलाएं ले लूँ
तेरे काले काले नैनों को दुआएं दे दूँ
मेरी जान उदास है होंठों पे प्यास है
आजा रे आजा रे आजा रे
ओ तेरी बातों में किमाम की ख़ुश्बू है
ओ तेरा आना भी गर्मियों की लू है
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
कजरारे कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो तेरे नैना तेरे नैना जुड़वा नैना
हो तेरे नैना तेरे नैना जुड़वा नैना
हो तेरे नैना तेरे नैनों में छुप के रहना
हो तेरे नैना तेरे नैनों में छुप के रहना
कारे कारे कारे कारे कारे कारे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे मेरे कारे कारे नैना
गायक – अलीशा चिनाय, शंकर महादेवन
गीतकार – ग़ुलज़ार
संगीत – शंकर एहसान लॉय
हमने कलेजा रख दिया चाकू की नोक पर
वाह वाह कमाल हो गया ओए रायता फैल गया
धिन तिनक धिन... ... ...
मेरा चैन वैन सब उजड़ा ज़ालिम नज़र हटा ले
बर्बाद हो रहे हैं जी तेरे अपने शहर वाले
हो... मेरा अंगड़ाई न टूटे तू आजा
मेरा अंगड़ाई न टूटे तू आजा
कजरारे कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो मेरे नैना मेरे नैना मेरे नैना जुड़वा नैना
हो कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
सुरमे से लिखे तेरे वादे आँखों की ज़बानी आते हैं हाय
मेरे रूमालों पर लब तेरे बाँध के निशानी जाते हैं
हो तेरी बातो में किमाम की ख़ुश्बू है
तेरा आना भी गर्मियों की लू है
आजा टूटे न टूटे न अंगड़ाई
हो मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
कजरारे कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो मेरे नैना मेरे नैना मेरे नैनों मे छुप के रहना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
आँखे भी कमाल करती हैं पर्सनल से सवाल करती हैं हाय
पलकों को उठाती भी नहीं परदे का ख़्याल करती हैं
हो मेरा ग़म तो किसी से भी छुपता नहीं
दर्द होता है दर्द जब चुभता नहीं
आजा टूटे न टूटे न अगड़ाई
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
कजरारे कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो तेरे नैना तेरे नैना हमें डसते हैं तेरे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो तुझसे मिलना पुरानी दिल्ली में
छोड़ आए निशानी दिल्ली में
बल्लीमारां से दरीबे तलक
तेरी मेरी कहानी दिल्ली में
हो हो काली कमली वाले को याद करके
तेरे काले काले नैनों की कसम खाते हैं
हो तेरे काले काले नैनों की बलाएं ले लूँ
तेरे काले काले नैनों को दुआएं दे दूँ
मेरी जान उदास है होंठों पे प्यास है
आजा रे आजा रे आजा रे
ओ तेरी बातों में किमाम की ख़ुश्बू है
ओ तेरा आना भी गर्मियों की लू है
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
मेरी अंगड़ाई न टूटे तू आजा
कजरारे कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना
हो तेरे नैना तेरे नैना जुड़वा नैना
हो तेरे नैना तेरे नैना जुड़वा नैना
हो तेरे नैना तेरे नैनों में छुप के रहना
हो तेरे नैना तेरे नैनों में छुप के रहना
कारे कारे कारे कारे कारे कारे कारे कारे नैना
कजरारे कजरारे मेरे कारे कारे नैना
गायक – अलीशा चिनाय, शंकर महादेवन
गीतकार – ग़ुलज़ार
संगीत – शंकर एहसान लॉय
Labels:
Alisha,
Bunty aur Babli,
Gulzar,
Kajrare,
Shankar Ehsan Loy,
Shankar Mahadevan,
कजरारे,
ग़ुलज़ार
Friday, October 5, 2007
वो लम्हें वो बातें - ज़हर
वो लम्हें वो बातें कोई न जाने
थी कैसी रातें बरसातें
वो भीगी भीगी यादें वो भीगी भीगी यादें
न मैं जानूं न तू जाने
कैसा है ये मौसम कोई न जाने
कहीं से ये ख़िज़ा आई
ग़मों की धूप संग लाई
खफ़ा हो गए हम जुदा हो गए हम
सागर की गहराई से गहरा है अपना प्यार
सहराओं की इन हवाओं में कैसे आएगी बहार
कहां से ये हवा आई
घटाएं काली क्यूं छाईं
खफ़ा हो गए हम जुदा हो गए हम
गायक – अतीफ़ असलम
गीतकार – सईद क़ादरी
थी कैसी रातें बरसातें
वो भीगी भीगी यादें वो भीगी भीगी यादें
न मैं जानूं न तू जाने
कैसा है ये मौसम कोई न जाने
कहीं से ये ख़िज़ा आई
ग़मों की धूप संग लाई
खफ़ा हो गए हम जुदा हो गए हम
सागर की गहराई से गहरा है अपना प्यार
सहराओं की इन हवाओं में कैसे आएगी बहार
कहां से ये हवा आई
घटाएं काली क्यूं छाईं
खफ़ा हो गए हम जुदा हो गए हम
गायक – अतीफ़ असलम
गीतकार – सईद क़ादरी
Friday, July 27, 2007
आँखों में रहते हैं - अनकही
आँखों में अंजाने रहते मंज़र कई
सीने में चुभती है कोई बेबसी नई
यादों में सजी कुछ बातें अनकही
इन बातों में कहीं खोई है ज़िंदगी
आँखों में अंजाने रहते मंज़र कई
सीने में चुभती है कोई बेबसी नई
दिल भूले नहीं क्यों बीते पल कोई यहां करे भी तो क्या
टूटे हैं अरमां सपने भी कैसे इन्हें सदा दूं मैं
यादों में सजी कुछ बातें अनकही
इन बातों में कहीं खोई है ज़िंदगी
आँखों में अंजाने रहते मंज़र कई
सीने में चुभती है कोई बेबसी नई
क्या ज़िंदगी है पूछो न लेती सदा नए इम्तिहां
ये इश्क भी है इक सज़ा कैसे तुझे बताऊँ मैं
यादों में सजी कुछ बातें अनकही
इन बातों में कहीं खोई है ज़िंदगी
आँखों में अंजाने रहते मंज़र कई
सीने में चुभती है कोई बेबसी नई
गायक – शान, कुणाल गांजावाला
गीतकार – समीर
संगीत - प्रीतम
सीने में चुभती है कोई बेबसी नई
यादों में सजी कुछ बातें अनकही
इन बातों में कहीं खोई है ज़िंदगी
आँखों में अंजाने रहते मंज़र कई
सीने में चुभती है कोई बेबसी नई
दिल भूले नहीं क्यों बीते पल कोई यहां करे भी तो क्या
टूटे हैं अरमां सपने भी कैसे इन्हें सदा दूं मैं
यादों में सजी कुछ बातें अनकही
इन बातों में कहीं खोई है ज़िंदगी
आँखों में अंजाने रहते मंज़र कई
सीने में चुभती है कोई बेबसी नई
क्या ज़िंदगी है पूछो न लेती सदा नए इम्तिहां
ये इश्क भी है इक सज़ा कैसे तुझे बताऊँ मैं
यादों में सजी कुछ बातें अनकही
इन बातों में कहीं खोई है ज़िंदगी
आँखों में अंजाने रहते मंज़र कई
सीने में चुभती है कोई बेबसी नई
गायक – शान, कुणाल गांजावाला
गीतकार – समीर
संगीत - प्रीतम
Labels:
Kunal Ganjawala,
Pritam,
Sameer,
Shaan,
अनकही,
कुणाल गांजावाला,
प्रीतम,
शान,
समीर
Thursday, July 26, 2007
सूना सूना लम्हा लम्हा - कृष्णा कॉटेज
सूना सूना लम्हा लम्हा मेरी राहें तन्हा तन्हा
आकर मुझे तुम थाम लो मंज़िल तेरी देखे रस्ता
मुड़ के ज़रा अब देख लो ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
सूना सूना लम्हा लम्हा मेरी राहें तन्हा तन्हा
बिछड़े भी हम जो कभी रास्तों में तो संग संग रहूंगी सदा
कदमों की आवाज़ सुनके चलूंगी तुम्हें ढूँढ लूंगी सदा
भूली मुहब्बत की ये ख़ुश्बुएं हैं हवाओं में फैली हुईं
छू कर मुझे आज महसूस कर लो है यादें मेरी अनछुई
ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
सूना सूना लम्हा लम्हा मेरी राहें तन्हा तन्हा
मुड़ के ज़रा अब देख लो ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
यादों के धागों में हम तुम बंधे हैं ज़रा डोर तुम थाम लो
बाहों में फिर से पिघल जाने दो मुझको फिर से मेरा नाम लो
मैं वो शमा हूँ जो रोशन तुम्हें करके ख़ुद तो पिघल जाऊँगी
सुबह का सूरज तुम्हारे लिए है मैं हूँ रात ढल जाऊँगी
ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
सूना सूना लम्हा लम्हा मेरी राहें तन्हा तन्हा
मुड़ के ज़रा अब देख लो ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
गायक – श्रेया घोषाल
गीतकार – नीलेश मिश्रा
संगीत – अनु मलिक
आकर मुझे तुम थाम लो मंज़िल तेरी देखे रस्ता
मुड़ के ज़रा अब देख लो ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
सूना सूना लम्हा लम्हा मेरी राहें तन्हा तन्हा
बिछड़े भी हम जो कभी रास्तों में तो संग संग रहूंगी सदा
कदमों की आवाज़ सुनके चलूंगी तुम्हें ढूँढ लूंगी सदा
भूली मुहब्बत की ये ख़ुश्बुएं हैं हवाओं में फैली हुईं
छू कर मुझे आज महसूस कर लो है यादें मेरी अनछुई
ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
सूना सूना लम्हा लम्हा मेरी राहें तन्हा तन्हा
मुड़ के ज़रा अब देख लो ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
यादों के धागों में हम तुम बंधे हैं ज़रा डोर तुम थाम लो
बाहों में फिर से पिघल जाने दो मुझको फिर से मेरा नाम लो
मैं वो शमा हूँ जो रोशन तुम्हें करके ख़ुद तो पिघल जाऊँगी
सुबह का सूरज तुम्हारे लिए है मैं हूँ रात ढल जाऊँगी
ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
सूना सूना लम्हा लम्हा मेरी राहें तन्हा तन्हा
मुड़ के ज़रा अब देख लो ऐसा मिलन फिर हो न हो
सब कुछ मेरा तुम ही तो हो
बेपनाह प्यार है आजा
तेरा इंतज़ार है आजा ।।
गायक – श्रेया घोषाल
गीतकार – नीलेश मिश्रा
संगीत – अनु मलिक
Labels:
Anu Malik,
Krishna Cottage,
Nilesh Mishra,
Shreya Ghoshal
Sunday, June 10, 2007
अल्लाह के बन्दे - वैसा भी होता है पार्ट II
टूटा टूटा एक परिन्दा ऐसे टूटा कि फिर जुड़ न पाया
लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा कि फिर उड़ न पाया
गिरता हुआ वो आसमां से आकर गिरा ज़मीन पर
ख्वाबों में फिर भी बादल ही थे वो कहता रहा मगर के
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
खोके अपने पर ही तो उसने था उड़ना सीखा
गम को अपने साथ में ले ले दर्द भी तेरे काम आएगा
अल्लाह के बंन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
टुकड़े टुकड़े हो गया था हर सपना जब वो टूटा
बिखरे टुकड़ों में अल्लाह की मर्ज़ी का मंज़र पाएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
गायक – कैलाश खेर
लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा कि फिर उड़ न पाया
गिरता हुआ वो आसमां से आकर गिरा ज़मीन पर
ख्वाबों में फिर भी बादल ही थे वो कहता रहा मगर के
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
खोके अपने पर ही तो उसने था उड़ना सीखा
गम को अपने साथ में ले ले दर्द भी तेरे काम आएगा
अल्लाह के बंन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
टुकड़े टुकड़े हो गया था हर सपना जब वो टूटा
बिखरे टुकड़ों में अल्लाह की मर्ज़ी का मंज़र पाएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
गायक – कैलाश खेर
Labels:
Kailash Kher,
Waisa Bhi Hota Hai Part II,
कैलाश खेर
Wednesday, June 6, 2007
मैंने दिल से कहा - रोग
मैंने दिल से कहा ढूँढ लाना ख़ुशी
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
बेचारा कहां जानता है ख़लिश है ये क्या ख़ला है
शहर भर की खुशी से ये दर्द मेरा भला है
जश्न ये रास ने आए मज़ा तो बस ग़म में आए
कभी है इश़्क का उजाला कभी है मौत का अंधेरा
बताओ कौन भेस होगा मैं जोगी बनूं या लुटेरा
कई चेहरे हैं इस दिल के न जाने कौन सा मेरा
हज़ारों ऐसे फासले थे जो तय करने चले थे
राहें मगर चल पड़ी थीं और पीछे हम रह गए थे
कदम दो चार चल पाएं किए फेरे तेरे मन के
गायक – के के
गीतकार – नीलेश मिश्रा
संगीत – एम एम करीम
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
बेचारा कहां जानता है ख़लिश है ये क्या ख़ला है
शहर भर की खुशी से ये दर्द मेरा भला है
जश्न ये रास ने आए मज़ा तो बस ग़म में आए
कभी है इश़्क का उजाला कभी है मौत का अंधेरा
बताओ कौन भेस होगा मैं जोगी बनूं या लुटेरा
कई चेहरे हैं इस दिल के न जाने कौन सा मेरा
हज़ारों ऐसे फासले थे जो तय करने चले थे
राहें मगर चल पड़ी थीं और पीछे हम रह गए थे
कदम दो चार चल पाएं किए फेरे तेरे मन के
गायक – के के
गीतकार – नीलेश मिश्रा
संगीत – एम एम करीम
Monday, June 4, 2007
जागे हैं - गुरू
जागे हैं देर तक हमें कुछ देर सोने दो
थोड़ी सी रात और है सुबह तो होने दो
आधे-अधूरे ख़्वाब जो पूरे न हो सके
इक बार फिर से नींद में वो ख़्वाब बोने दो
गायक – चित्रा, ए आर रहमान
गीतकार – ग़ुलज़ार
संगीत – ए आर रहमान
थोड़ी सी रात और है सुबह तो होने दो
आधे-अधूरे ख़्वाब जो पूरे न हो सके
इक बार फिर से नींद में वो ख़्वाब बोने दो
गायक – चित्रा, ए आर रहमान
गीतकार – ग़ुलज़ार
संगीत – ए आर रहमान
Labels:
A R Rehman,
Chitra,
Gulzar,
Guru,
ए आर रहमान,
गुलज़ार,
चित्रा
Tuesday, May 15, 2007
तेरे बिन - बस एक पल
तेरे बिन मैं यूं कैसे जिया कैसे जिया तेरा बिन
तेरे बिन मैं यूं कैसे जिया कैसे जिया तेरा बिन
लेकर यादें तेरी रातें मेरी कटीं
मुझसे बातें तेरी करती है चाँदनी
तन्हा तुझ बिन रातें मेरी दिन मेरे दिन के जैसे नहीं
तन्हा बदन तन्हा है रूह नम मेरी आँखें रहें
आजा मेरे अब रू ब रू जीना नहीं बिन तेरे
तेरे बिन मैं यूं कैसे जिया कैसे जिया तेरा बिन
कब से आँखें मेरी राह में तेरे बिछीं
भूले से भी कभी तू मिल जाए कहीं
भूले न मुझसे बातें तेरी भीगी हर हर पल आँखें मेरी
क्यूं सासं लू क्यूं मैं जीऊं जीना बुरा सा लगे
क्यूं हो गया तू बेवफा मुझको बता दे वजह
तेरे बिन मैं यूं कैसे जिया कैसे जिया तेरा बिन
लेकर यादें तेरी रातें मेरी कटीं
मुझसे बातें तेरी करती है चाँदनी
तन्हा तुझ बिन रातें मेरी दिन मेरे दिन के जैसे नहीं
तन्हा बदन तन्हा है रूह नम मेरी आँखें रहें
आजा मेरे अब रू ब रू जीना नहीं बिन तेरे
तेरे बिन मैं यूं कैसे जिया कैसे जिया तेरा बिन
कब से आँखें मेरी राह में तेरे बिछीं
भूले से भी कभी तू मिल जाए कहीं
भूले न मुझसे बातें तेरी भीगी हर हर पल आँखें मेरी
क्यूं सासं लू क्यूं मैं जीऊं जीना बुरा सा लगे
क्यूं हो गया तू बेवफा मुझको बता दे वजह
बस एक पल - बस एक पल
बस एक पल बस एक पल बस एक पल
बस एक पल बस एक पल बस एक पल
तू इक बार जो प्यार से मुझको छूले तो हर ज़ख़्म भर जाएगा
ज़रा इल्तिजा सुनके दीवाने दिल की मुझे अपने दिल से लगा
तेरे प्यार में ऐसे जीए हम
जला है ये दिल ये आँखें हुईं नम
हमारे ख़्यालों में ख़्वाबों में यादों में बातों में रहते हो तुम
बढ़ाके मैं ये हाथ छूना जो चाहूँ तो पल भर में होते हो ग़ुम
तेरे प्यार में ऐसे जीए हम
जला है ये दिल ये आँखें हुईं नम
सुना है मुहब्बत की तकदीर में लिखें हैं अँधेरे घने
तभी आज शायद सितारे सभी ज़रा सा ही रोशन हुए
तेरे हाथ की इन लकीरों में लिखे अभी और कितने सितम
ख़फ़ा हो गई है खुशी वक्त से हो रहे हैं मेहरबान हम
तेरे प्यार में ऐसे जीए हम
जला है ये दिल ये आँखें हुईं नम
बस एक पल बस एक पल बस एक पल
तू इक बार जो प्यार से मुझको छूले तो हर ज़ख़्म भर जाएगा
ज़रा इल्तिजा सुनके दीवाने दिल की मुझे अपने दिल से लगा
तेरे प्यार में ऐसे जीए हम
जला है ये दिल ये आँखें हुईं नम
हमारे ख़्यालों में ख़्वाबों में यादों में बातों में रहते हो तुम
बढ़ाके मैं ये हाथ छूना जो चाहूँ तो पल भर में होते हो ग़ुम
तेरे प्यार में ऐसे जीए हम
जला है ये दिल ये आँखें हुईं नम
सुना है मुहब्बत की तकदीर में लिखें हैं अँधेरे घने
तभी आज शायद सितारे सभी ज़रा सा ही रोशन हुए
तेरे हाथ की इन लकीरों में लिखे अभी और कितने सितम
ख़फ़ा हो गई है खुशी वक्त से हो रहे हैं मेहरबान हम
तेरे प्यार में ऐसे जीए हम
जला है ये दिल ये आँखें हुईं नम
Sunday, April 15, 2007
बंदे - ब्लैक फ़्राइडे
अरे रुक जा
अरे थम जा
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी ।।
अरे नींदें हे ज़ख़्मी
अरे सपने हैं भूखे
कि करवट फट पड़ेगी
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी ।।
अरे मंदिर ये चुप है
अरे मस्जिद है गुमसुम
इबादत थक पड़ेगी
समय की लाल आँधी
कब्रिस्तां के रस्ते
अरे लथपथ चलेगी
किसे काफ़िर कहेगा
किसे कायर कहेगा
तेरी कब तक चलेगी ।।
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी ।।
अरे मंदिर ये चुप है
अरे मस्जिद है गुमसुम
इबादत थक पड़ेगी
समय की लाल आँधी
कब्रिस्तां के रस्ते
अरे लथपथ चलेगी
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी
अरे नींदें हे ज़ख़्मी
अरे सपने हैं भूखे
कि करवट फट पड़ेगी
ये अँधी चोट तेरी
कभी की सूख जाती
मगर अब पक चलेगी
गायक – इंडियन ओशन
संगीत – इंडियन ओशन
गीतकार – पीयूष मिश्रा
अरे थम जा
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी ।।
अरे नींदें हे ज़ख़्मी
अरे सपने हैं भूखे
कि करवट फट पड़ेगी
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी ।।
अरे मंदिर ये चुप है
अरे मस्जिद है गुमसुम
इबादत थक पड़ेगी
समय की लाल आँधी
कब्रिस्तां के रस्ते
अरे लथपथ चलेगी
किसे काफ़िर कहेगा
किसे कायर कहेगा
तेरी कब तक चलेगी ।।
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी ।।
अरे मंदिर ये चुप है
अरे मस्जिद है गुमसुम
इबादत थक पड़ेगी
समय की लाल आँधी
कब्रिस्तां के रस्ते
अरे लथपथ चलेगी
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी
अरे नींदें हे ज़ख़्मी
अरे सपने हैं भूखे
कि करवट फट पड़ेगी
ये अँधी चोट तेरी
कभी की सूख जाती
मगर अब पक चलेगी
गायक – इंडियन ओशन
संगीत – इंडियन ओशन
गीतकार – पीयूष मिश्रा
नाम अदा लिखना - यहाँ
पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग हिना लिखना
गोरे बदन पे उंगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
आओ न आओ न जेहलम में बह लेंगे
वादी के मौसम भी इक दिन तो बदलेंगे
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
आऊं तो सुबह जाऊं तो मेरा नाम सबा लिखना
बर्फ़ पड़े तो बर्फ़ पे मेरा नाम तू आ लिखना
ज़रा ज़रा आग वाग पास रहती है
ज़रा ज़रा कांगड़ी की आँच रहती है
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
(fade in) शामें बुझाते आती है रातें
रातें बुझाने तुम आ गए हो
जब तुम हँसते हो दिन हो जाता है
तुम गले लगो तो फिर सो जाता है
डोली उठाए आएगा दिन तो पास बिठा लेना
कल जो मिले तो माथे पे मेरे सूरज उगा देना
ज़रा ज़रा आस पास पास धूप रहेगी
ज़रा ज़रा आस पास रंग रहेंगे
ज़रा ज़रा आस पास पास धूप रहेगी
ज़रा ज़रा आस पास रंग रहेंगे
पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग हिना लिखना
गोरे बदन पे उंगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
गायक – श्रेया घोषाल, शान
संगीतकार – शांतनु मोइत्रा
गीतकार – ग़ुलज़ार
गोरे बदन पे उंगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
आओ न आओ न जेहलम में बह लेंगे
वादी के मौसम भी इक दिन तो बदलेंगे
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
आऊं तो सुबह जाऊं तो मेरा नाम सबा लिखना
बर्फ़ पड़े तो बर्फ़ पे मेरा नाम तू आ लिखना
ज़रा ज़रा आग वाग पास रहती है
ज़रा ज़रा कांगड़ी की आँच रहती है
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
(fade in) शामें बुझाते आती है रातें
रातें बुझाने तुम आ गए हो
जब तुम हँसते हो दिन हो जाता है
तुम गले लगो तो फिर सो जाता है
डोली उठाए आएगा दिन तो पास बिठा लेना
कल जो मिले तो माथे पे मेरे सूरज उगा देना
ज़रा ज़रा आस पास पास धूप रहेगी
ज़रा ज़रा आस पास रंग रहेंगे
ज़रा ज़रा आस पास पास धूप रहेगी
ज़रा ज़रा आस पास रंग रहेंगे
पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग हिना लिखना
गोरे बदन पे उंगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
गायक – श्रेया घोषाल, शान
संगीतकार – शांतनु मोइत्रा
गीतकार – ग़ुलज़ार
Labels:
Gulzar,
Shaan,
Shreya Ghoshal,
Yahaan,
गुलज़ार,
यहाँ,
शान,
श्रेया घोषाल
Monday, April 2, 2007
सबसे पीछे हम खड़े - Let's Enjoy
ज़रा नज़र उठा के देखो बैठे हैं हम यहीं
बेख़बर मुझसे क्यों हो इतने बुरे भी हम नहीं
ज़माने की बातों में उलझो न है ये आसान जाने न
खुद से जो अगर तुम पूछो हैं हम तुम्हारे के नहीं
तेरी आँखों का जादू पूरी दुनिया पे है
दुनिया की इस भीड़ में सबसे पीछे हम खड़े
महफिलें आईं और गईं लोग आए और गए
तुम जो आज आए हो दिल में हो बस गए
मुस्कुरा के बात टालो न फिर मिलोगे जो कहीं
देखना यही कहोगो इतने बुरे थे हम नहीं
तेरी आँखों का जादू पूरी दुनिया पे है
दुनिया की इस भीड़ में सबसे पीछे हम खड़े
तेरी आँखों का जादू पूरी दुनिया पे है
दुनिया की इस भीड़ में सबसे पीछे हम खड़े
गायक: अंकुर तिवारी
मूल गायक: मोहित (सिल्क रूट)
बेख़बर मुझसे क्यों हो इतने बुरे भी हम नहीं
ज़माने की बातों में उलझो न है ये आसान जाने न
खुद से जो अगर तुम पूछो हैं हम तुम्हारे के नहीं
तेरी आँखों का जादू पूरी दुनिया पे है
दुनिया की इस भीड़ में सबसे पीछे हम खड़े
महफिलें आईं और गईं लोग आए और गए
तुम जो आज आए हो दिल में हो बस गए
मुस्कुरा के बात टालो न फिर मिलोगे जो कहीं
देखना यही कहोगो इतने बुरे थे हम नहीं
तेरी आँखों का जादू पूरी दुनिया पे है
दुनिया की इस भीड़ में सबसे पीछे हम खड़े
तेरी आँखों का जादू पूरी दुनिया पे है
दुनिया की इस भीड़ में सबसे पीछे हम खड़े
गायक: अंकुर तिवारी
मूल गायक: मोहित (सिल्क रूट)
Thursday, March 22, 2007
ये हौसला - (Sad)
रिश्ते भरोसे चाहत यकीं उन सबका दामन अब चाक है
समझे थे हाथों में है ज़मीं मुट्ठी जो खोली बस ख़ाक है
दिल में ये शोर है क्यूं
इमां कमज़ोर है क्यूं
नाज़ुक ये डोर है क्यूँ
गायक: शफ़कत अमानत अली खान, करसन सागथिया
संगीत: सलीम-सुलैमान
गीतकार: मीर अली हुसैन
समझे थे हाथों में है ज़मीं मुट्ठी जो खोली बस ख़ाक है
दिल में ये शोर है क्यूं
इमां कमज़ोर है क्यूं
नाज़ुक ये डोर है क्यूँ
गायक: शफ़कत अमानत अली खान, करसन सागथिया
संगीत: सलीम-सुलैमान
गीतकार: मीर अली हुसैन
ईमान का असर - डोर
जलती धूप में हल्की हवा चल गई
मिला भरोसा यार का जां फिर सम्भल गई
ख़्वाहिश साँस ले ज़ंजीरें पिघल गई
सबा उम्मीद को माथे पे यूँ मल गई
सूने सेहराओं में हसरत पली है
हर तूफाँ में आज ये शम्मा जली है
शायद है ये दोस्ती या ईमान का असर
आगे क्या लिखा हमको क्या ख़बर
ईमान का असर
दिन महक महक गया रात मचल मचल गई
चाहा ज़रा था अब मगर नियत बदल बदल गई
बेचैन ज़िन्दगी सुकून पाए
हर दिल की ये आरज़ू लब तक तो आए
शायद है ये दोस्ती या ईमान का असर
आगे क्या लिखा हमको क्या ख़बर
ईमान का असर
जलती धूप में हल्की हवा चल गई
मिला भरोसा यार का जां फिर सम्भल गई
कैसा साज़ है तन्हा जां बहल गई
धीमी सी ताल पर आशाएं मचल गईं
सूने सेहराओं में हसरत पली है
हर तूफाँ में आज ये शम्मा जली है
शायद है ये दोस्ती या ईमान का असर
आगे क्या लिखा हमको क्या ख़बर
ईमान का असर
गायक: सुनिधी चौहान, श्रेया घोषाल
संगीत: सलीम-सुलैमान
गीतकार: मीर अली हुसैन
मिला भरोसा यार का जां फिर सम्भल गई
ख़्वाहिश साँस ले ज़ंजीरें पिघल गई
सबा उम्मीद को माथे पे यूँ मल गई
सूने सेहराओं में हसरत पली है
हर तूफाँ में आज ये शम्मा जली है
शायद है ये दोस्ती या ईमान का असर
आगे क्या लिखा हमको क्या ख़बर
ईमान का असर
दिन महक महक गया रात मचल मचल गई
चाहा ज़रा था अब मगर नियत बदल बदल गई
बेचैन ज़िन्दगी सुकून पाए
हर दिल की ये आरज़ू लब तक तो आए
शायद है ये दोस्ती या ईमान का असर
आगे क्या लिखा हमको क्या ख़बर
ईमान का असर
जलती धूप में हल्की हवा चल गई
मिला भरोसा यार का जां फिर सम्भल गई
कैसा साज़ है तन्हा जां बहल गई
धीमी सी ताल पर आशाएं मचल गईं
सूने सेहराओं में हसरत पली है
हर तूफाँ में आज ये शम्मा जली है
शायद है ये दोस्ती या ईमान का असर
आगे क्या लिखा हमको क्या ख़बर
ईमान का असर
गायक: सुनिधी चौहान, श्रेया घोषाल
संगीत: सलीम-सुलैमान
गीतकार: मीर अली हुसैन
Tuesday, March 20, 2007
ये हौसला - डोर
ये हौसला कैसे झुके
ये आरज़ू कैसे रुके
मंज़िल मुश्किल तो क्या
धुंधला साहिल तो क्या
तन्हा ये दिल तो क्या
राह में काँटे बिखरे अगर
उसपे तो फिर भी चलना ही है
शाम छुपा ले सूरज मगर
रात को इक दिन ढलना ही है
रुत ये टल जाएगी
हिम्मत रंग लाएगी
सुबह फिर आएगी
होगी हमे जो रहमत अता
धूप कटेगी साए तले
अपनी ख़ुदा से है ये दुआ
मंज़िल लगाले हमको गले
जुर्रत सौ बार रहे
ऊँचा इकरार रहे
जिन्दा हर प्यार रहे
गायक: शफ़कत अमानत अली ख़ान, सलीम मर्चंट
संगीत: सलीम-सुलैमान
गीतकार: मीर अली हुसैन
ये आरज़ू कैसे रुके
मंज़िल मुश्किल तो क्या
धुंधला साहिल तो क्या
तन्हा ये दिल तो क्या
राह में काँटे बिखरे अगर
उसपे तो फिर भी चलना ही है
शाम छुपा ले सूरज मगर
रात को इक दिन ढलना ही है
रुत ये टल जाएगी
हिम्मत रंग लाएगी
सुबह फिर आएगी
होगी हमे जो रहमत अता
धूप कटेगी साए तले
अपनी ख़ुदा से है ये दुआ
मंज़िल लगाले हमको गले
जुर्रत सौ बार रहे
ऊँचा इकरार रहे
जिन्दा हर प्यार रहे
गायक: शफ़कत अमानत अली ख़ान, सलीम मर्चंट
संगीत: सलीम-सुलैमान
गीतकार: मीर अली हुसैन
कैसी पहेली - परिणीता
नई नहीं नई ये बातें ये बातें है पुरानी
हो हो हो कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
थामा हाँ रोका इसको किसने हाँ ये तो बहता पानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
ला ला ला ला ला ला ला ला
ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू
पीले इसे इसमें नशा
जिसने पिया वो ग़म में भी हंसा
पल में हँसाए और पल में रुलाए ये कहानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
थामा हाँ रोका इसको किसने हाँ ये तो बहता पानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
ला ला ला ला ला ला ला ला
ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू
आँखों में कैद सपना नया
आँसू तेरा इक मोती है बना
सूनी डगर पे जैसे सोई ये चाह सुहानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
थामा हाँ रोका इसको किसने हाँ ये तो बहता पानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
गायक: सुनिधी चौहान
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे
हो हो हो कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
थामा हाँ रोका इसको किसने हाँ ये तो बहता पानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
ला ला ला ला ला ला ला ला
ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू
पीले इसे इसमें नशा
जिसने पिया वो ग़म में भी हंसा
पल में हँसाए और पल में रुलाए ये कहानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
थामा हाँ रोका इसको किसने हाँ ये तो बहता पानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
ला ला ला ला ला ला ला ला
ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू
आँखों में कैद सपना नया
आँसू तेरा इक मोती है बना
सूनी डगर पे जैसे सोई ये चाह सुहानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
थामा हाँ रोका इसको किसने हाँ ये तो बहता पानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
गायक: सुनिधी चौहान
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे
सूना मन का आँगन - परिणीता
सूना सूना मन का आंगन ढूँढे पायल की वो छन छन
सूनी सूनी मन की सरगम ढूँढे गीत तेरे हरदम
मन में शाम हो या सवेरा लागा तेरी ही यादों का डेरा
तूने बंधन क्यूँ ये तोड़ा तूने काहे को मुँह मोड़ा कहो न कहो ना
फूल फूल भँवरा डोले मन में गूँजे तेरी याद
बाग में पपीहा बोले पीहू पीहू पीहू का हाल
कैसे काटें सूनीं रातें कहो न कहो न
कैसे भूलें बीती बातें कहो न कहो न
कैसे थामें फिर तेरा दामन
कैसे महके मन का ये आँगन
कैसे भूलें प्रीत तेरी साजन
कैसे बाँधें टूटा ये बँधन
मन में शाम हो या सवेरा ...
गायक: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे
सूनी सूनी मन की सरगम ढूँढे गीत तेरे हरदम
मन में शाम हो या सवेरा लागा तेरी ही यादों का डेरा
तूने बंधन क्यूँ ये तोड़ा तूने काहे को मुँह मोड़ा कहो न कहो ना
फूल फूल भँवरा डोले मन में गूँजे तेरी याद
बाग में पपीहा बोले पीहू पीहू पीहू का हाल
कैसे काटें सूनीं रातें कहो न कहो न
कैसे भूलें बीती बातें कहो न कहो न
कैसे थामें फिर तेरा दामन
कैसे महके मन का ये आँगन
कैसे भूलें प्रीत तेरी साजन
कैसे बाँधें टूटा ये बँधन
मन में शाम हो या सवेरा ...
गायक: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे
Monday, March 19, 2007
पीयू बोले - परिणीता
La la la hey hey hey hmm hmm hmm you are mine
Hmm hmm hmm la la la hey hey hey say you are mine
What do you think
पीयू बोले पिया बोले ... जानूँ न
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
Not bad
अब ये सुनो
दिल की जो बातें हैं बातें जो दिल की हैं दिल ही में रखना पिया
लब तो न खोलूँ मैं खोलूँ न लब तो पर आँखों से सब कह दिया
पीयू बोले पिया बोले क्या ये बोले जानूँ न
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
इक नदी से मैंने पूछा इठला के चल दी कहाँ
दूर तेरे पी का घर है बलखा के चल दी कहाँ
थोड़ा वो घबराई थोड़ा सा शरमाई उछली यहाँ से वहाँ
सागर से मिलने का उसका तो सपना था मेरी ही तरह पिया
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
पीयू बोले पिया बोले क्या ये बोले जानूँ न
मैंने पूछा इक घटा से इतरा के चल दी कहाँ
प्यास की भरी ज़मीं है बरसो भी तरसाओ न
थोड़ा वो गुर्राई थोड़ा सा थर्राई गरजी यहाँ फिर वहाँ
प्रीत लुटाती फिर छम-छम-छम बरसी वो तेरी ही तरह पिया
पीयू बोले पिया बोले क्या ये बोले जानूँ न
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
गायक: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
Hmm hmm hmm la la la hey hey hey say you are mine
What do you think
पीयू बोले पिया बोले ... जानूँ न
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
Not bad
अब ये सुनो
दिल की जो बातें हैं बातें जो दिल की हैं दिल ही में रखना पिया
लब तो न खोलूँ मैं खोलूँ न लब तो पर आँखों से सब कह दिया
पीयू बोले पिया बोले क्या ये बोले जानूँ न
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
इक नदी से मैंने पूछा इठला के चल दी कहाँ
दूर तेरे पी का घर है बलखा के चल दी कहाँ
थोड़ा वो घबराई थोड़ा सा शरमाई उछली यहाँ से वहाँ
सागर से मिलने का उसका तो सपना था मेरी ही तरह पिया
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
पीयू बोले पिया बोले क्या ये बोले जानूँ न
मैंने पूछा इक घटा से इतरा के चल दी कहाँ
प्यास की भरी ज़मीं है बरसो भी तरसाओ न
थोड़ा वो गुर्राई थोड़ा सा थर्राई गरजी यहाँ फिर वहाँ
प्रीत लुटाती फिर छम-छम-छम बरसी वो तेरी ही तरह पिया
पीयू बोले पिया बोले क्या ये बोले जानूँ न
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
गायक: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
रात हमारी तो - परिणीता
रतिया कारी कारी रतिया
रतिआ अंधियाई रतिया
रात हमारी तो चाँद की सहेली है
कितने दिनों के बाद आई वो अकेली है
चुप्पी की बिरहा है झिंगुर का बाजे साज
रात हमारी तो चाँद की सहेली है
कितने दिनों के बाद आई वो अकेली है
समझा के बातें भी कोई बुझा दे आज
अँधेरे से जी भर के करनी है बातें आज
अँधेरा रूठा है अँधेरा ऐंठा है
गुमसुम सा कोने में बैठा है
अँधेरा पागल है कितना घनेरा है
चुभता है डसता है फिर भी वो मेरा है
उसकी ही गोदी में चुपके से सोना है
उसकी ही बाँहों में सर रख के रोना है
आँखों से काजल बन बहता अँधेरा
गायक: चित्रा
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे
रतिआ अंधियाई रतिया
रात हमारी तो चाँद की सहेली है
कितने दिनों के बाद आई वो अकेली है
चुप्पी की बिरहा है झिंगुर का बाजे साज
रात हमारी तो चाँद की सहेली है
कितने दिनों के बाद आई वो अकेली है
समझा के बातें भी कोई बुझा दे आज
अँधेरे से जी भर के करनी है बातें आज
अँधेरा रूठा है अँधेरा ऐंठा है
गुमसुम सा कोने में बैठा है
अँधेरा पागल है कितना घनेरा है
चुभता है डसता है फिर भी वो मेरा है
उसकी ही गोदी में चुपके से सोना है
उसकी ही बाँहों में सर रख के रोना है
आँखों से काजल बन बहता अँधेरा
गायक: चित्रा
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे
होंठ तेरे मय के प्याले - परिणीता
होंठ तेरे मय के प्याले कजरारे नैना तेरे
माथे पर सिन्दूरी सुबह ज़ुल्फ़ों में रैना बसे
सांसें ये तेरी हैं धड़कन भी तेरी है
जीवन ये तेरा हुआ
तेरे ही छूने से तन मन सजा मेरा
हुई मैं परिणीता
जीया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
जीया डोले ...
क्यूँ ये ...
गायक: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
संगीत: शांतनु मोइतरा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे
माथे पर सिन्दूरी सुबह ज़ुल्फ़ों में रैना बसे
सांसें ये तेरी हैं धड़कन भी तेरी है
जीवन ये तेरा हुआ
तेरे ही छूने से तन मन सजा मेरा
हुई मैं परिणीता
जीया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
जीया डोले ...
क्यूँ ये ...
गायक: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
संगीत: शांतनु मोइतरा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे
Subscribe to:
Posts (Atom)