Tuesday, March 20, 2007

सूना मन का आँगन - परिणीता

सूना सूना मन का आंगन ढूँढे पायल की वो छन छन
सूनी सूनी मन की सरगम ढूँढे गीत तेरे हरदम
मन में शाम हो या सवेरा लागा तेरी ही यादों का डेरा
तूने बंधन क्यूँ ये तोड़ा तूने काहे को मुँह मोड़ा कहो न कहो ना
फूल फूल भँवरा डोले मन में गूँजे तेरी याद
बाग में पपीहा बोले पीहू पीहू पीहू का हाल

कैसे काटें सूनीं रातें कहो न कहो न
कैसे भूलें बीती बातें कहो न कहो न
कैसे थामें फिर तेरा दामन
कैसे महके मन का ये आँगन
कैसे भूलें प्रीत तेरी साजन
कैसे बाँधें टूटा ये बँधन

मन में शाम हो या सवेरा ...

गायक: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे

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