Wednesday, September 17, 2008

ये तुम्हारी मेरी बातें - Rock On!!

ये तुम्हारी मेरी बातें हमेशा यूँ ही चलती रहें
ये हमारी मुलाकातें हमेशा यूँ ही चलती रहें
बीते यूँ ही अपने सारे दिन रात
बातों से निकलते रही नई बात
फिर वही बातें लेके गीत कोई हम लिखें
जो दिल को हाँ सब के दिल को छू ले
बातें सुरों में यूँ ही पिघलती रहें
बातें गीतों में यूँ ही ढलती रहें

गीतों में हाँ हमको खुशियों से हम सजा दें
जो सुने वो कहे हमसे गाओ न
ये तुम्हारी मेरी बातें हमेशा यूँ ही चलती रहें
ये हमारी मुलाकातें हमेशा यूँ ही चलती रहें
बीते यूँ ही अपने सारे दिन रात
बातों से निकलते रही नई बात
फिर वही बातें लेके गीत कोई हम लिखें
जो दिल को हाँ सब के दिल को छू ले
बातें सुरों में यूँ ही पिघलती रहें
बातें गीतों में यूँ ही ढलती रहें

गायक – डोमिनीक केरेयो
गीतकार – जावेद अख़्तर
संगीत – शंकर, एहसान, लॉय

फिर देखिए - Rock On!!

आँखों में जिस के कोई तो ख़्वाब है
खुश है वही जो थोड़ा बेताब है
ज़िंदगी में कोई आरज़ू कीजिए
फिर देखिए...

होंठों पे जिसके कोई तो गीत है
वो हारे भी तो उस की ही जीत है
दिल में जो गीत है गुनगुना लीजिए
फिर देखिए...

यादों में जिस के किसी का नाम है
सपनों के जैसी उस की हर शाम है
कोई तो हो जिसे अपना दिल दीजिए
फिर देखिए...

ख़्वाब बुनिए ज़रा गीत सुनिए ज़रा फूल चुनिए ज़रा
फिर देखिए...

गायक - कारालिसा मोंटीरो
गीतकार - जावेद अख़्तर
संगीत - शंकर, एहसान, लॉय

Tuesday, September 16, 2008

पिछले सात दिनों में - Rock On!!

मेरी laundry का इक bill
इक आधी पढ़ी novel

इक लड़की का phone number
मेरे काम का इक paper

मेरे ताश से heart का king
मेरा इक चांदी का ring

पिछले सात दिनों में मैंने खोया
कभी ख़ुद पे हँसा मैं और कभी ख़ुद पे रोया

Present मिली इक घड़ी
प्यारी थी मुझे बड़ी

Mary-Jane का इक packet
मेरी denim की jacket

दो one-day match के passes
मेरे नए नए sunglasses

पिछले सात दिनों में मैंने खोया
कभी ख़ुद पे हँसा मैं और कभी ख़ुद पे रोया

कैसे भूलूँ सातवाँ जो दिन आया
किसी ने तुमसे इक party में मिलवाया
कैसा पल था जिस पल मैंने तुमको पहली बार देखा था
हम जो मिले पहली बार
मैंने जाना क्या है प्यार
मैंने होश भी खोया दिल भी खोया
कभी ख़ुद पे हँसा मैं और कभी ख़ुद पे रोया
मैंने पिछले सात दिनों में ये सब है खोया

मेरी laundry का इक bill
इक आधी पढ़ी novel

इक लड़की का phone number
मेरे काम का इक paper

मेरी laundry का इक bill
इक आधी पढ़ी novel

इक लड़की का phone number
मेरे काम का इक paper

हम जो मिले पहली बार
मैंने जाना क्या है प्यार
मैंने होश भी खोया दिल भी खोया
कभी ख़ुद पे हँसा मैं और कभी ख़ुद पे रोया
मैंने पिछले सात दिनों में ये सब है खोया

गायक – फ़रहान अख़्तर
गीतकार – जावेद अख़्तर
संगीत – शंकर, एहसान, लॉय

तुम हो तो - Rock On!!

तुम हो तो गाता है दिल
तुम नहीं तो गीत कहां
तुम हो तो है सब हासिल
तुम नहीं तो क्या है यहां
तुम हो तो है सपनों के जैसा हसीं इक समां
जो तुम हो तो लगता है कि मिल गई हर खुशी
जो तुम न हो तो लगता है कि हर ख़ुशी में है कमी
तुमको है मांगती ये ज़िंदगी

तुम हो तो राहें भी हैं
तुम नहीं तो रस्ते कहां
तुम हो तो यहां सब ही है
तुम नहीं तो कौन यहां
तुम हो तो है हर एक पल मेहरबां ये जहाँ
जो तुम हो तो हवा में भी महब्बतों का रंग है
जो तुम न हो तो फिर कोई न जोश न उमंग है
तुम मिले तो मिली ये ज़िंदगी


गायक – फ़रहान अख़्तर
गीतकार – जावेद अख़्तर
संगीत – शंकर, एहसान, लॉय

Sunday, June 8, 2008

पहली नज़र में - रेस

पहली नज़र में कैसा जादू कर दिया
तेरा बन बैठा है मेरा जिया
जाने क्या होगा क्या होगा क्या पता
इस पल को मिल के आ जी लें ज़रा
मैं हूँ यहाँ तू है यहाँ मेरी बाँहों में आ आ भी जा
ओ जानेजाँ दोनों जहाँ मेरी बाँहों में आ भूल जा
ओ जानेजाँ दोनों जहाँ मेरी बाँहों में आ भूल जा

Baby I love you, baby I love you, baby I love you, baby I love you so
Baby I love you, O I love you, I love you so baby I love you

हर दुआ में शामिल तेरा प्यार है
बिन तेरे लम्हा भी दुश्वार है
धड़कनों को तुझसे ही दरकार है
तुझसे राहतें तुझसे चाहतें
तू जो मिली इक दिन मुझे
मैं कहीं हो गया लापता
ओ जानेजाँ दोनों जहाँ मेरी बाँहों में आ भूल जा
ओ जानेजाँ दोनों जहाँ मेरी बाँहों में आ भूल जा


कर दिया दीवाना दर्द-ए-ख़ास ने
चैन छीना इश्क के एहसास ने
बेख़्याली दी है तेरी प्यास ने
छाया सुरूर है कुछ तो ज़रूर है
ये दूरियां जीने ने दें
हाल मेरा तुझे न पता
ओ जानेजाँ दोनों जहाँ मेरी बाँहों में आ भूल जा
ओ जानेजाँ दोनों जहाँ मेरी बाँहों में आ भूल जा

Baby I love you, baby I love you, baby I love you, baby I love you so
Baby I love you, O I love you, baby I love you, I love you

गायक – आतिफ़ असलम
गीतकार – समीर
संगीत – प्रीतम

Friday, June 6, 2008

या रब्बा - सलाम-ए-इश्क

प्यार है या सज़ा ऐ मेरे दिल बता
टूटता क्यों नहीं दर्द का सिलसिला
इस प्यार में हो कैसे कैसे इम्तिहां
ये प्यार लिखे कैसी कैसी दास्तां
या रब्बा दे दे कोई जान भी अगर
दिलबर पे हो न दिलबर पे हो न कोई असर



कैसा है सफ़र वफ़ा की मंज़िल का
न है कोई हल दिलों की मुश्किल का
धड़कन धड़कन बिखरी रंजिशें
सांसें सांसें टूटी बंदिशें
कहीं हर लम्हा होंटों पे फ़रियाद है
किसी की दुनिया चाहत में बर्बाद है
या रब्बा ...


कोई न सुने सिसकती आहों को
कोई न धरे तड़पती बांहों को
आधी आधी पूरी ख़्वाहिशें
टूटी फूटी सब फ़रमाइशें
कहीं शक है कहीं नफ़रत की दीवार है
कहीं जीत में भी शामिल पल पल हार है
या रब्बा ...

न पूछो दर्दमंदों से हंसी कैसी ख़ुशी कैसी
मुसीबत सर पे रहती है कभी कैसी कभी कैसी
हो रब्बा रब्बा रब्बा हो रब्बा

गायक – कैलाश खेर
गीतकार – समीर
संगीत – शंकर, ऐहसान, लॉय

Thursday, April 24, 2008

दर्द-ए-डिस्को - ओम शांति ओम

वो हसीना वो नीलमपरी
कर गई कैसी जादूगरी
नींद इन आँखों से छीन ली है
दिल में बेचैनियां हैं भरी
मैं बेचारा हूँ आवारा भोला
समझाऊँ मैं ये अब किस किस को
दिल में मेरे है दिल में मेरे है दर्द-ए दर्द-ए डिस्को
दिल में मेरे है दर्द-ए डिस्को
दिल में मेरे है दिल में मेरे है दर्द-ए दर्द-ए डिस्को
दिल में मेरे है दर्द-ए डिस्को


फ़स्ल-ए ग़ुल थी ग़ुलपोशियों का मौसम था
हम पर कभी सरग़ोशियों का मौसम था ।।
कैसा जुनूं ख़्वाबों की अंजुमन में था
क्या मैं कहूँ क्या मेरे बांकपन में था
रंजिश का चला था गुब्बारा
फूटा जो ख़्वाब का गुब्बारा
तो फिरता हूँ मैं लंडन पेरिस
न्यूयॉर्क एल ए सैन फ्रैंसिस्को
दिल में मेरे है दिल में मेरे है दर्द-ए दर्द-ए डिस्को
दिल में मेरे है दर्द-ए डिस्को
दिल में मेरे है दिल में मेरे है दर्द-ए दर्द-ए डिस्को
दिल में मेरे है दर्द-ए डिस्को
Dard-e-disco come on now let’s go

लम्हा लम्हा अरमानों की फ़रमाईश थी
लम्हा लम्हा जुर्रअत की आज़माईश थी
अब्र-ए करम घिर घिर के मुझ पे बरसा था
अब्र-ए करम बरसा तो कब मैं तरसा था
फ़िर तू न हुआ मंज़र मेरा
वो मेरा सनम दिलबर मेरा
दिल तोड़ गया मुझे छोड़ गया
वो पिछले महीने की छब्बिस को

गायक – सुखविंदर
गीतकार – जावेद अख़्तर
संगीत – विशाल-शेखर

Friday, March 7, 2008

आओगे जब तुम - जब वी मेट

आओगे जब तुम साजना
अंगना फूल खिलेंगे
बरसेगा सावन बरसेगा सावन झूम झूम के
दो दिल ऐसे मिलेंगे

नैना तेरे कजरारे हैं
नैनों पे हम दिल हारे हैं
अंजाने ही तेरे नैनों ने
वादे किए कई सारे हैं
साँसों की लय मद्धम चले
तोसे कहे
बरसेगा सावन बरसेगा सावन झूम झूम के
दो दिल ऐसे मिलेंगे

चँदा को ताकूँ रातों में
है ज़िंदगी तेरे हाथों में
पलकों पर झिलमिल तारे हैं
आना भरी बरसातों में
सपनों का जहां
होगा खिला खिला
बरसेगा सावन बरसेगा सावन झूम झूम के
दो दिल ऐसे मिलेंगे

गायक – उस्ताद राशिद खान

मैं अगर कहूँ - ओम शांति ओम

तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ
कहना चाहूँ भी तो तुमसे क्या कहूँ
किसी ज़बान में वो लफ़्ज़ ही नहीं
कि जिनमें तुम हो क्या तुम्हें बता सकूँ
मैं अगर कहूँ तुमसा हसीं
कायनात में नहीं है कहीं
तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं


शोखियों में डूबी ये अदाएं
चेहरे से झलकी हुई है
ज़ुल्फ़ की घनी घनी घटाएं
शाने से ढलकी हुई है
लहराता आँचल है जैसे बादल
बाहों में भरी है जैसे चाँदनी
रूप की चाँदनी
मैं अगर कहूँ ये दिलकशी
है नहीं कहीं न होगी कभी
तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं

तुम हुए मेहरबां तो है ये दास्तां
अब तुम्हारा मेरा एक है कारवां
तुम जहां मैं वहां
मैं अगर कहूँ हमसफ़र मेरी
अप्सरा हो तुम या कोई परी
तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं

गायक – सोनू निगम
गीतकार – जावेद अख़्तर
संगीत – विशाल-शेखर