ये तुम्हारी मेरी बातें हमेशा यूँ ही चलती रहें
ये हमारी मुलाकातें हमेशा यूँ ही चलती रहें
बीते यूँ ही अपने सारे दिन रात
बातों से निकलते रही नई बात
फिर वही बातें लेके गीत कोई हम लिखें
जो दिल को हाँ सब के दिल को छू ले
बातें सुरों में यूँ ही पिघलती रहें
बातें गीतों में यूँ ही ढलती रहें
गीतों में हाँ हमको खुशियों से हम सजा दें
जो सुने वो कहे हमसे गाओ न
ये तुम्हारी मेरी बातें हमेशा यूँ ही चलती रहें
ये हमारी मुलाकातें हमेशा यूँ ही चलती रहें
बीते यूँ ही अपने सारे दिन रात
बातों से निकलते रही नई बात
फिर वही बातें लेके गीत कोई हम लिखें
जो दिल को हाँ सब के दिल को छू ले
बातें सुरों में यूँ ही पिघलती रहें
बातें गीतों में यूँ ही ढलती रहें
गायक – डोमिनीक केरेयो
गीतकार – जावेद अख़्तर
संगीत – शंकर, एहसान, लॉय
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