टूटा टूटा एक परिन्दा ऐसे टूटा कि फिर जुड़ न पाया
लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा कि फिर उड़ न पाया
गिरता हुआ वो आसमां से आकर गिरा ज़मीन पर
ख्वाबों में फिर भी बादल ही थे वो कहता रहा मगर के
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
खोके अपने पर ही तो उसने था उड़ना सीखा
गम को अपने साथ में ले ले दर्द भी तेरे काम आएगा
अल्लाह के बंन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
टुकड़े टुकड़े हो गया था हर सपना जब वो टूटा
बिखरे टुकड़ों में अल्लाह की मर्ज़ी का मंज़र पाएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
अल्लाह के बन्दे हंस दे अल्लाह के बन्दे अल्लाह के बन्दे हंस दे
जो भी हो कल फिर आएगा
गायक – कैलाश खेर
Sunday, June 10, 2007
Wednesday, June 6, 2007
मैंने दिल से कहा - रोग
मैंने दिल से कहा ढूँढ लाना ख़ुशी
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
बेचारा कहां जानता है ख़लिश है ये क्या ख़ला है
शहर भर की खुशी से ये दर्द मेरा भला है
जश्न ये रास ने आए मज़ा तो बस ग़म में आए
कभी है इश़्क का उजाला कभी है मौत का अंधेरा
बताओ कौन भेस होगा मैं जोगी बनूं या लुटेरा
कई चेहरे हैं इस दिल के न जाने कौन सा मेरा
हज़ारों ऐसे फासले थे जो तय करने चले थे
राहें मगर चल पड़ी थीं और पीछे हम रह गए थे
कदम दो चार चल पाएं किए फेरे तेरे मन के
गायक – के के
गीतकार – नीलेश मिश्रा
संगीत – एम एम करीम
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
बेचारा कहां जानता है ख़लिश है ये क्या ख़ला है
शहर भर की खुशी से ये दर्द मेरा भला है
जश्न ये रास ने आए मज़ा तो बस ग़म में आए
कभी है इश़्क का उजाला कभी है मौत का अंधेरा
बताओ कौन भेस होगा मैं जोगी बनूं या लुटेरा
कई चेहरे हैं इस दिल के न जाने कौन सा मेरा
हज़ारों ऐसे फासले थे जो तय करने चले थे
राहें मगर चल पड़ी थीं और पीछे हम रह गए थे
कदम दो चार चल पाएं किए फेरे तेरे मन के
गायक – के के
गीतकार – नीलेश मिश्रा
संगीत – एम एम करीम
Monday, June 4, 2007
जागे हैं - गुरू
जागे हैं देर तक हमें कुछ देर सोने दो
थोड़ी सी रात और है सुबह तो होने दो
आधे-अधूरे ख़्वाब जो पूरे न हो सके
इक बार फिर से नींद में वो ख़्वाब बोने दो
गायक – चित्रा, ए आर रहमान
गीतकार – ग़ुलज़ार
संगीत – ए आर रहमान
थोड़ी सी रात और है सुबह तो होने दो
आधे-अधूरे ख़्वाब जो पूरे न हो सके
इक बार फिर से नींद में वो ख़्वाब बोने दो
गायक – चित्रा, ए आर रहमान
गीतकार – ग़ुलज़ार
संगीत – ए आर रहमान
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