Sunday, April 15, 2007

बंदे - ब्लैक फ़्राइडे

अरे रुक जा
अरे थम जा

अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी ।।

अरे नींदें हे ज़ख़्मी
अरे सपने हैं भूखे
कि करवट फट पड़ेगी

अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी ।।

अरे मंदिर ये चुप है
अरे मस्जिद है गुमसुम
इबादत थक पड़ेगी
समय की लाल आँधी
कब्रिस्तां के रस्ते
अरे लथपथ चलेगी

किसे काफ़िर कहेगा
किसे कायर कहेगा
तेरी कब तक चलेगी ।।

अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी ।।

अरे मंदिर ये चुप है
अरे मस्जिद है गुमसुम
इबादत थक पड़ेगी
समय की लाल आँधी
कब्रिस्तां के रस्ते
अरे लथपथ चलेगी

अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
कि क़ुदरत हंस पड़ेगी

अरे नींदें हे ज़ख़्मी
अरे सपने हैं भूखे
कि करवट फट पड़ेगी

ये अँधी चोट तेरी
कभी की सूख जाती
मगर अब पक चलेगी

गायक – इंडियन ओशन
संगीत – इंडियन ओशन
गीतकार – पीयूष मिश्रा

नाम अदा लिखना - यहाँ

पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग हिना लिखना
गोरे बदन पे उंगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
आओ न आओ न जेहलम में बह लेंगे
वादी के मौसम भी इक दिन तो बदलेंगे
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है

आऊं तो सुबह जाऊं तो मेरा नाम सबा लिखना
बर्फ़ पड़े तो बर्फ़ पे मेरा नाम तू आ लिखना
ज़रा ज़रा आग वाग पास रहती है
ज़रा ज़रा कांगड़ी की आँच रहती है
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
(fade in) शामें बुझाते आती है रातें
रातें बुझाने तुम आ गए हो

जब तुम हँसते हो दिन हो जाता है
तुम गले लगो तो फिर सो जाता है

डोली उठाए आएगा दिन तो पास बिठा लेना
कल जो मिले तो माथे पे मेरे सूरज उगा देना
ज़रा ज़रा आस पास पास धूप रहेगी
ज़रा ज़रा आस पास रंग रहेंगे
ज़रा ज़रा आस पास पास धूप रहेगी
ज़रा ज़रा आस पास रंग रहेंगे

पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग हिना लिखना
गोरे बदन पे उंगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है

गायक – श्रेया घोषाल, शान
संगीतकार – शांतनु मोइत्रा
गीतकार – ग़ुलज़ार

Monday, April 2, 2007

सबसे पीछे हम खड़े - Let's Enjoy

ज़रा नज़र उठा के देखो बैठे हैं हम यहीं
बेख़बर मुझसे क्यों हो इतने बुरे भी हम नहीं

ज़माने की बातों में उलझो न है ये आसान जाने न
खुद से जो अगर तुम पूछो हैं हम तुम्हारे के नहीं
तेरी आँखों का जादू पूरी दुनिया पे है
दुनिया की इस भीड़ में सबसे पीछे हम खड़े

महफिलें आईं और गईं लोग आए और गए
तुम जो आज आए हो दिल में हो बस गए
मुस्कुरा के बात टालो न फिर मिलोगे जो कहीं
देखना यही कहोगो इतने बुरे थे हम नहीं
तेरी आँखों का जादू पूरी दुनिया पे है
दुनिया की इस भीड़ में सबसे पीछे हम खड़े

तेरी आँखों का जादू पूरी दुनिया पे है
दुनिया की इस भीड़ में सबसे पीछे हम खड़े

गायक: अंकुर तिवारी
मूल गायक: मोहित (सिल्क रूट)