आँखों में जिस के कोई तो ख़्वाब है
खुश है वही जो थोड़ा बेताब है
ज़िंदगी में कोई आरज़ू कीजिए
फिर देखिए...
होंठों पे जिसके कोई तो गीत है
वो हारे भी तो उस की ही जीत है
दिल में जो गीत है गुनगुना लीजिए
फिर देखिए...
यादों में जिस के किसी का नाम है
सपनों के जैसी उस की हर शाम है
कोई तो हो जिसे अपना दिल दीजिए
फिर देखिए...
ख़्वाब बुनिए ज़रा गीत सुनिए ज़रा फूल चुनिए ज़रा
फिर देखिए...
गायक - कारालिसा मोंटीरो
गीतकार - जावेद अख़्तर
संगीत - शंकर, एहसान, लॉय
Wednesday, September 17, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment