तुम हो तो गाता है दिल
तुम नहीं तो गीत कहां
तुम हो तो है सब हासिल
तुम नहीं तो क्या है यहां
तुम हो तो है सपनों के जैसा हसीं इक समां
जो तुम हो तो लगता है कि मिल गई हर खुशी
जो तुम न हो तो लगता है कि हर ख़ुशी में है कमी
तुमको है मांगती ये ज़िंदगी
तुम हो तो राहें भी हैं
तुम नहीं तो रस्ते कहां
तुम हो तो यहां सब ही है
तुम नहीं तो कौन यहां
तुम हो तो है हर एक पल मेहरबां ये जहाँ
जो तुम हो तो हवा में भी महब्बतों का रंग है
जो तुम न हो तो फिर कोई न जोश न उमंग है
तुम मिले तो मिली ये ज़िंदगी
गायक – फ़रहान अख़्तर
गीतकार – जावेद अख़्तर
संगीत – शंकर, एहसान, लॉय
Tuesday, September 16, 2008
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