जागे हैं देर तक हमें कुछ देर सोने दो
थोड़ी सी रात और है सुबह तो होने दो
आधे-अधूरे ख़्वाब जो पूरे न हो सके
इक बार फिर से नींद में वो ख़्वाब बोने दो
गायक – चित्रा, ए आर रहमान
गीतकार – ग़ुलज़ार
संगीत – ए आर रहमान
Monday, June 4, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment