Monday, May 16, 2011

अभी कुछ दिनों से - दिल तो बच्चा है जी


अभी कुछ दिनों से लग रहा है बदले-बदले से हम हैं
हम बैठे-बैठे दिन में सपने देखते नींदें कम हैं।।

अभी कुछ दिनों से सुना है दिल का रौब ही कुछ नया है
कोई राज़ कमबख्त है छुपाए खुदा ही जाने कि क्या है
है दिल पे शक मेरा इसे प्यार हो गया

अभी कुछ दिनों से मैं सोचता हूँ कि दिल की थोड़ी-सी सुन लूँ
यहाँ रहने आएगी दिल सजा लूं मैं ख्वाब थोड़े से बुन लूँ
है दिल पे शक मेरा इसे प्यार हो गया

तू बेखबर या सब खबर, इक दिन ज़रा मेरे मासूम दिल पे गौर कर
पर्दों में मैं, रख लूँ तुझे, के दिल तेरा आ न जाए कहीं ये गैर पर
हम भोले हैं, शर्मीले हैं, हम हैं ज़रा सीधे मासूम इतनी खैर कर
जिस दिन कभी ज़िद पे अड़े, हम आएँगे आग का तेरा दरिया तैर कर

अभी कुछ दिनों से लगे मेरा दिल धुत हो जैसे नशे में
क्यूँ लड़खड़ाए ये बहके गाए है तेरे हर रास्ते में
है दिल पे शक मेरा इसे प्यार हो गया

बनके शहर चल रात भर, तू और मैं तो मुसाफ़िर भटकते हम फिरे
चल रास्ते जहाँ ले चले, सपनों के फिर तेरी आहों में थक के हम गिरे
कोई प्यार की तरकीब हो, नुस्खे कोई जो सिखाए तो हम भी सीख लें
ये प्यार है, रहता कहाँ कोई हमसे कहे उससे जा के पूछ लें

मैं संभालूँ पाँव फिसल न जाऊँ नई-नई दोस्ती है
ज़रा देखभाल संभल के चलना कह रही ज़िंदगी है
है दिल पे शक मेरा इसे प्यार हो गया

गायक - मोहित चौहान
गीतकार - नीलेश मिश्रा
संगीत - प्रीतम