Thursday, March 22, 2007

ये हौसला - (Sad)

रिश्ते भरोसे चाहत यकीं उन सबका दामन अब चाक है
समझे थे हाथों में है ज़मीं मुट्ठी जो खोली बस ख़ाक है

दिल में ये शोर है क्यूं
इमां कमज़ोर है क्यूं
नाज़ुक ये डोर है क्यूँ

गायक: शफ़कत अमानत अली खान, करसन सागथिया
संगीत: सलीम-सुलैमान
गीतकार: मीर अली हुसैन

ईमान का असर - डोर

जलती धूप में हल्की हवा चल गई
मिला भरोसा यार का जां फिर सम्भल गई
ख़्वाहिश साँस ले ज़ंजीरें पिघल गई
सबा उम्मीद को माथे पे यूँ मल गई
सूने सेहराओं में हसरत पली है
हर तूफाँ में आज ये शम्मा जली है

शायद है ये दोस्ती या ईमान का असर
आगे क्या लिखा हमको क्या ख़बर
ईमान का असर

दिन महक महक गया रात मचल मचल गई
चाहा ज़रा था अब मगर नियत बदल बदल गई
बेचैन ज़िन्दगी सुकून पाए
हर दिल की ये आरज़ू लब तक तो आए

शायद है ये दोस्ती या ईमान का असर
आगे क्या लिखा हमको क्या ख़बर
ईमान का असर

जलती धूप में हल्की हवा चल गई
मिला भरोसा यार का जां फिर सम्भल गई

कैसा साज़ है तन्हा जां बहल गई
धीमी सी ताल पर आशाएं मचल गईं
सूने सेहराओं में हसरत पली है
हर तूफाँ में आज ये शम्मा जली है

शायद है ये दोस्ती या ईमान का असर
आगे क्या लिखा हमको क्या ख़बर
ईमान का असर

गायक: सुनिधी चौहान, श्रेया घोषाल
संगीत: सलीम-सुलैमान
गीतकार: मीर अली हुसैन

Tuesday, March 20, 2007

ये हौसला - डोर

ये हौसला कैसे झुके
ये आरज़ू कैसे रुके
मंज़िल मुश्किल तो क्या
धुंधला साहिल तो क्या
तन्हा ये दिल तो क्या

राह में काँटे बिखरे अगर
उसपे तो फिर भी चलना ही है
शाम छुपा ले सूरज मगर
रात को इक दिन ढलना ही है
रुत ये टल जाएगी
हिम्मत रंग लाएगी
सुबह फिर आएगी

होगी हमे जो रहमत अता
धूप कटेगी साए तले
अपनी ख़ुदा से है ये दुआ
मंज़िल लगाले हमको गले
जुर्रत सौ बार रहे
ऊँचा इकरार रहे
जिन्दा हर प्यार रहे

गायक: शफ़कत अमानत अली ख़ान, सलीम मर्चंट
संगीत: सलीम-सुलैमान
गीतकार: मीर अली हुसैन

कैसी पहेली - परिणीता

नई नहीं नई ये बातें ये बातें है पुरानी
हो हो हो कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
थामा हाँ रोका इसको किसने हाँ ये तो बहता पानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी

ला ला ला ला ला ला ला ला
ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू

पीले इसे इसमें नशा
जिसने पिया वो ग़म में भी हंसा
पल में हँसाए और पल में रुलाए ये कहानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
थामा हाँ रोका इसको किसने हाँ ये तो बहता पानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी

ला ला ला ला ला ला ला ला
ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू

आँखों में कैद सपना नया
आँसू तेरा इक मोती है बना
सूनी डगर पे जैसे सोई ये चाह सुहानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी
थामा हाँ रोका इसको किसने हाँ ये तो बहता पानी
कैसी पहेली है ये कैसी पहेली ज़िंदगानी

गायक: सुनिधी चौहान
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे

सूना मन का आँगन - परिणीता

सूना सूना मन का आंगन ढूँढे पायल की वो छन छन
सूनी सूनी मन की सरगम ढूँढे गीत तेरे हरदम
मन में शाम हो या सवेरा लागा तेरी ही यादों का डेरा
तूने बंधन क्यूँ ये तोड़ा तूने काहे को मुँह मोड़ा कहो न कहो ना
फूल फूल भँवरा डोले मन में गूँजे तेरी याद
बाग में पपीहा बोले पीहू पीहू पीहू का हाल

कैसे काटें सूनीं रातें कहो न कहो न
कैसे भूलें बीती बातें कहो न कहो न
कैसे थामें फिर तेरा दामन
कैसे महके मन का ये आँगन
कैसे भूलें प्रीत तेरी साजन
कैसे बाँधें टूटा ये बँधन

मन में शाम हो या सवेरा ...

गायक: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे

Monday, March 19, 2007

पीयू बोले - परिणीता

La la la hey hey hey hmm hmm hmm you are mine
Hmm hmm hmm la la la hey hey hey say you are mine
What do you think

पीयू बोले पिया बोले ... जानूँ न
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न

Not bad
अब ये सुनो

दिल की जो बातें हैं बातें जो दिल की हैं दिल ही में रखना पिया
लब तो न खोलूँ मैं खोलूँ न लब तो पर आँखों से सब कह दिया

पीयू बोले पिया बोले क्या ये बोले जानूँ न
जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न

इक नदी से मैंने पूछा इठला के चल दी कहाँ
दूर तेरे पी का घर है बलखा के चल दी कहाँ
थोड़ा वो घबराई थोड़ा सा शरमाई उछली यहाँ से वहाँ
सागर से मिलने का उसका तो सपना था मेरी ही तरह पिया

जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
पीयू बोले पिया बोले क्या ये बोले जानूँ न

मैंने पूछा इक घटा से इतरा के चल दी कहाँ
प्यास की भरी ज़मीं है बरसो भी तरसाओ न
थोड़ा वो गुर्राई थोड़ा सा थर्राई गरजी यहाँ फिर वहाँ
प्रीत लुटाती फिर छम-छम-छम बरसी वो तेरी ही तरह पिया

पीयू बोले पिया बोले क्या ये बोले जानूँ न

जिया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न


गायक
: सोनू निगम, श्रेया घोषाल

रात हमारी तो - परिणीता

रतिया कारी कारी रतिया
रतिआ अंधियाई रतिया
रात हमारी तो चाँद की सहेली है
कितने दिनों के बाद आई वो अकेली है
चुप्पी की बिरहा है झिंगुर का बाजे साज

रात हमारी तो चाँद की सहेली है
कितने दिनों के बाद आई वो अकेली है
समझा के बातें भी कोई बुझा दे आज
अँधेरे से जी भर के करनी है बातें आज
अँधेरा रूठा है अँधेरा ऐंठा है
गुमसुम सा कोने में बैठा है

अँधेरा पागल है कितना घनेरा है
चुभता है डसता है फिर भी वो मेरा है
उसकी ही गोदी में चुपके से सोना है
उसकी ही बाँहों में सर रख के रोना है
आँखों से काजल बन बहता अँधेरा

गायक: चित्रा
संगीत: शांतनु मोइत्रा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे

होंठ तेरे मय के प्याले - परिणीता

होंठ तेरे मय के प्याले कजरारे नैना तेरे
माथे पर सिन्दूरी सुबह ज़ुल्फ़ों में रैना बसे

सांसें ये तेरी हैं धड़कन भी तेरी है
जीवन ये तेरा हुआ
तेरे ही छूने से तन मन सजा मेरा
हुई मैं परिणीता

जीया डोले हौले हौले क्यूँ ये डोले जानूँ न
जीया डोले ...
क्यूँ ये ...

गायक: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
संगीत: शांतनु मोइतरा
गीतकार: स्वानन्द किरकिरे